नयी दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि इंटरनेट ने सभी देशों के सामने नयी तरह की चुनौतियां पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा वैश्विक मंचों पर चर्चा के केंद्र में रहने लगा है। इंटरनेट की सीमारहित प्रकृति तथा चुनौतियों की छिपी पहचान के कारण देशों के बीच आपसी तालमेल की जरूरत बढ़ गयी है। साइबर सुरक्षा पर वैश्विक सम्मेलन के अंतिम सत्र में सुषमा ने कहा कि इंटरनेट ने न केवल राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक वृद्धि की गति को तेज किया है बल्कि इसने साथ ही नयी चुनौतियों को भी जन्म दिया है। इन चुनौतियों का पहले से निर्धारित कोई समाधान भी नहीं है। उन्होंने कहा, साइबर संसार में सीमा का नहीं होना तथा चुनौतियों की पहचान की अनुपस्थिति के कारण स्वायत्तता, न्यायाधिकार और निजता की पारंपरिक धारणा के सामने गंभीर चुनौती पैदा हुआ है। अब तक जो साबइर दुनिया से लाभान्वित हो रहे थे, इसके जोखिमों के प्रति सजग होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक खुले, सुरक्षित, समावेशी और लोकतांत्रिक इंटरनेट जगत के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी चुनौतियों के प्रति त्वरित प्रतिक्रिया देता है।
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